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पिता का नाम
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स्वर्गीय श्री अनादिचरण सामंत
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माता का नाम
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स्वर्गीय श्रीमती नीलिमा रानी सामंत
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जन्म तिथि
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20/01/1964
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जन्म स्थान
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कलाटबैंक कटक ओडिशा
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शैक्षिक योग्यता
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एम.एससी (केमिस्टी) पी.एचडी उत्कल विश्वविद्यालय, केआईआईटी विश्वविद्यालय ओडिशा
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व्यवसाय
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सामाजिक कार्यकर्ता
शिक्षा शास्त्री
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स्थायी पता
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एन/92, आईआरसी गांव, पी. ओ. नयापल्ली खुर्दा,
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भुवनेश्वर ओडिशा-751015
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09437000928, 09937020928 (मो.)
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वर्तमान पता
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205 ओडिशा भवन, चाणकयपुरी,
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नई दिल्ली- 110021
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09437000928, 09937020928 (मो.)
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जिन पदों पर कार्य किया
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2018 - 2019
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सदस्य, राज्य सभा
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मई, 2019
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सत्रहवीं लोक सभा के लिए निर्वाचित
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13 सितंबर 2019 -12 सितंबर 2020
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सदस्य, विदेश मामलों संबंधी स्थायी समिति
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09 अक्तूबर 2019 से
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सदस्य, विशेषाधिकार समिति
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13 सितंबर 2020 से
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सदस्य, रेल संबंधी स्थायी समिति
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सदस्य, परामर्शदात्री समिति, रसायन और उर्वरक मंत्रालय
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साहित्यिक, कलात्मक और वैज्ञानिक उपलब्धियां
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कलात्मक और वैज्ञानिक उपलब्धियां, भारत के माननीय राष्ट्रपति द्वारा बच्चों के कल्याण के लिए साहित्य राष्ट्रीय पुरस्कार, 2016 और भारतीय आर्थिक संघ द्वारा पहली बार कौटिल्य पुरस्का, देश और विदेश में लगभग 100 प्रेरक भाषण, मुख्य भाषण और स्थापना दिवस व्याख्यान दिए, दुनिया भर में प्रतिष्ठित विश्विद्यालयों से 37 ऑनोरिस कोसा डॉक्टरेट पुरस्कार से सम्मनित, गुसी शांति पुरस्कार अंतर्राष्ट्रीय, सहित बहरीन मेमं सबसे उच्च नागरिक पुरस्कार से सम्मानित और इसके अलावा 50 से अधिक राष्ट्रीय और 200 से अधिक राजकीय सम्मान केआईआईटी और केआईआईएस शुरू किया
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सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यकलाप
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दूरस्थ गांव कलाटबैंक कटक को एक स्मार्ट गांव में रूपांतरिक किया एक मॉडल पंचायत (गांवों के समूह) में 1987 से शून्य गरीबी, शून्य भूख और शून्य निरक्षरता प्रापत करने के लिए लगातार काम कर रहे हें, शिक्षा, व्यावसायिक शिक्षा, स्वास्थ्य, कला, संस्कृति, साहित्य, ग्रामीण विकास, समाज सेवा, महिला सशक्तीकरण, मीडिया, मनोरंजन और अध्यात्मवाद के क्षेत्र में अपार योगदान, आर्ट ऑफ गिविंग शांति को बढावा देने के लिए जीवन का एक दर्शन प्रस्तुत किया
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विशेष अभिरुचि
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समाज में शांति और प्रसन्नता का प्रसार करना
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विदेश यात्रा
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अनेक देशों की यात्रा की
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अन्य जानकारी
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मानद, विश्वविद्यालय और केआईएसएस डीम्ड मानद विश्विद्यालय (दुनिया में पहला जनजातीय विश्वविद्यालय) और दुनिया के किसी भी जनजातीय विश्विवद्यालय कुलाधिपति बनने वाले पहले व्यक्ति (एक) विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) 2008-11 और 2011-2014 लगातार दो बार और (दो) अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) की कार्यकारी समिति, भारत सरकार के कई निकायों के सदस्य के रूप में कार्य किया, जैसे एमसीटीई, आईएसटीई, आईएससीए, कॉयर बोर्ड, कपार्ट आदि और असम और ओडिशा के केंद्रीय विश्विद्यालय की अकादमिक परिषद, मणिपुर सरकार शिक्षा विभाग, 2018-20121 के लिए नामनिर्दिष्ट मानद प्रधान सलाहकार, भारतीय विज्ञान कांग्रेस एसासिएशन (आईएससीए), 2017-2018 के महाध्यक्ष, चार राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय फैलोशिप से सम्मानित-आईएसटीई, सीएसआइ्र और एपीएसीएच
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