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पिता का नाम
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स्व. श्री श्रीकृष्ण बिरला
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माता का नाम
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स्वर्गीय श्रीमती शकुंतला देवी
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जन्म तिथि
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23/11/1962
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जन्म स्थान
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कोटा, राजस्थान
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वैवाहिक स्थिति
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विवाहित
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विवाह की तिथि
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11/03/1991
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पति/पत्नी का नाम
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डॉ. अमिता बिरला
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पुत्रियों की संख्या
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2
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शैक्षिक योग्यता
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एम.कॉम. गवर्नमेंट कॉमर्स कॉलेज, कोटा तथा एम.डी.एस. विश्वविद्यालय, अजमेर (राजस्थान) से शिक्षा ग्रहण की
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व्यवसाय
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कृषक
सामाजिक कार्यकर्ता
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स्थायी पता
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80-बी, दशहरा स्कीम, शक्ति नगर
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कोटा, राजस्थान - 324009
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टेलीफैक्स: (0744) 2505555, 2502525,
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वर्तमान पता
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निवास - 20, अकबर रोड
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नई दिल्ली-110001
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दूरभाष : (011) 23014011,(011) 23014022, फैक्स : (011) 23016212
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कार्यालय - 16, संसद भवन,
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नई दिल्ली-110001
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दूरभाष: (011) 23017795, 23017914
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जिन पदों पर कार्य किया
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2003-2014
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सदस्य, राजस्थान विधानसभा (तीन कार्यकाल)
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31 मई 2004-2008
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राजस्थान सरकार के संसदीय सचिव (एम.ओ.एस.) के रूप में नियुक्त
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मई, 2014
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16वीं लोक सभा के लिए निर्वाचित
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14 अगस्त 2014 से 30 अप्रैल 2016
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सदस्य, प्राक्कलन समिति
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1 सितम्बर 2014 से
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सदस्य, याचिका समिति
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सदस्य, ऊर्जा संबंधी स्थायी समिति
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सदस्य, परामर्शदात्री समिति, सामाजिक न्याय तथा अधिकारिता मंत्रालय
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3 जुलाई 2015 से 30 अप्रैल 2016
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सदस्य, उप समिति ।।।, प्राक्कलन समिति
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मई, 2019
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सत्रहवीं लोक सभा के लिए पुन: निर्वाचित
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सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यकलाप
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समाज सेवा: गरीबों और जरूरतमंदों को कपडे प्रदान करने के लिए जनता के सहयोग से नि:शुल्क परिधान उपहार केन्द्र की स्थापना की; वंचित वर्गों को मुफ्त भोजन उपलब्ध कराने के लिए सर्व सहयोग से प्रसादम् योजना आरंभ की; गरीब, असहाय और जरूरतमंद मरीजों को मुफ्त दवाइयों और मुफ्त इलाज उपलब्ध कराने के लिए जनता की सहायता से दवा बैंक की स्थापना की । यह योजना उन लोगों को इलाज हेतु मुफ्त दवाएं प्रदान करने के लिए है जो पैसे की कमी के कारण इलाज कराने में असमर्थ हैं । यह योजना अभी भी चल रही है; शहरी क्षेत्रों में कच्ची कालोनियों में अस्थायी रूप से रहने वाले गरीब परिवारों और खानाबदोश समूह के परिवारों के बच्चों को शिक्षा प्रदान करने के लिए जनता के सहयोग से झुग्गी झोपडियों में मेरी पाठशाला नाम से बहनीय विद्यालय स्थापित किए; ग्रामीण क्षेत्रों में कामकाजी महिलाओं और घर पर रहने वाली महिलाओं को शिक्षा प्रदान करने के लिए सामाजिक सहयोग और सीएसआर नीति के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में कई मातृ ज्ञान केन्द्र स्थापित किए; जो कडाके की ठंड में सडक पर सोने के लिए बाध्य श्रमिकों को आधुनिक रैन बसेरा (आश्रय आवास) की स्थापना की, जहां तक मुफ्त हीटर, बिस्तर, गद्दा, रजाई, पोषक भोजन और सुवई की चाय मुफ्त प्रदान की जाती है; कम्बल निधि प्रकल्प की स्थापना की ताकि एम.बी.एस. अस्पताल, जो कि कोटा का सबसे बडा अस्पताल है और न्यू मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज कराने आये लोगों के परिवारो काेे मुफ्त कम्बल और बिछावन प्रदान किए जा सकें । स्वतंत्रता स्वतंत्रता दिवस पर 2006 से ऐतिहासिक तथा राष्ट्रभक्ति वाला कार्यक्रम आजादी के स्वर का आयोजन शुरू किया ताकि आम आदमी तथा विशेषरुप से युवाओं में विस्मृत हो रही देशभक्ति की भावना को फिर से जगाया जा कसे और शहीदों के बलिदानों को याद, तथा नई पीढ़ी के लोगों में राष्ट्रीयता तथा चरित्र निर्माण की भावना पैदा की जा सके; कोटा शहर में यह कार्यक्रम प्रतिवर्ष एक उत्सव के रूप में आयोजित किया जाता है । कोटा और बूंदी के वरिष्ठ नागरिकों हेतु अभिनंदन समारोह आयोजित किए । इन कार्यक्रमों के द्वारा कोटा शहर के विकास हेतु वरिष्ठ नागरिकों को उनके अनुभव साझा करने के लिए आमंत्रित किया गया ; मार्च, 2015 में एक मुट्ठी अन्न राहत अभियान चलाया गया जो कि ओलावृष्टि से प्रभावित किसाानों को राहत प्रदान करने का अभियान था । घर-घर जाकर खाद्यान्न एकत्रित किए गए और ग्रामीण क्षेत्रों में ओलावृष्टि से प्रभावित किसानों को प्रदान किए गए । 2004-2008 के दौरान राजस्थान सरकार के संसदीय सचिव के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान गरीब, असहाय, गंभीर रोगियों को राज्य सरकार की ओर से 50 लाख रुपए तक की वित्तीय सहायता उपलब्ध कराकर उनकी मदद की । 15-16 अगस्त, 2004 को कोटा शहर में बाढ पीडितों की सहायता तथा उनके बचाव कार्यों तथा उन्हें शेल्टर तथा चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने के दौरान बचाव दल की अगुवाई की । कैंसर रोगियों तथा थैलासीमिया रोगियों की विभिन्न स्वैच्छिक और सामाजिक संगठनों के माध्यम से सहायता की । दिव्यांगों को सहायता प्रदान करने के साथ-साथ मुफ्त मोटरयुक्त साइकिल (बैटरी चालित) तीन पहियों की साइकिल, व्हील चेयर तथा श्रव्य मशीन प्रदान करने हेतु एक विशेष अभियान चलाया गया ताकि दिव्यांगजनों को सशक्त बनाया जा सके । सामाजिक, धार्मिक और व्यापारिक संगठनों के सहयोग से पर्यावरण संरक्षण के लिए हरित कोटा अभियान चलाया गया ताकि कोटा में एक लाख पादपों का रोपण किया । सभी घरों में तुलसी के पौधे सहित कई पौधे वितरित किए गए ।
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विशेष अभिरुचि
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समाज सेवा/राष्ट्रसेवा/गरीब/वृद्धों/विकलांग/असहाय महिलाओं की विभिन्न माध्यमों से सेवा करना
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विदेश यात्रा
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विभिन्न देशों की यात्राएं की । अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों में उपस्थिति: सामाजिक और सांस्कृतिक मामले संबंधी एशियाई संसदीय सभा (एपीए) स्थायी समिति और एजमिर (तुर्की) में 4-6 अक्तूबर, 2018 को आयोजित एपीए की प्रथम कार्यकारी परषिद के सदस्य 1 और 2 सितम्बर, 2019 को माले (मालदीव) में आयोजित सतत् विकास लक्ष्य (एसडीजी) प्राप्ति हेतु चौथा दक्षिण एशियाई स्पीकरों का शिखर सम्मेलन; कपाला (युगांडा) में 22-29 सितम्बर, 2019 तक 64वां राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन आयोजित; बेलग्रेड (सर्बिया) में आयोजित 13-17 अक्तूबर, 2019 तक 141वां अंतर-संसदीय संघ; छठे जी-20 टोक्यो, जापान में आयोजित 3 से 5 नवम्बर, 2019 तक संसदीय स्पीकर्स शिखर सम्मेलन ।
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अन्य जानकारी
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राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, भारतीय जनता युवा मोर्चा, 1997-2003; भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष, राजस्थान राज्य 1993-97; जिला अध्यक्ष, कोटा, भारतीय जनता युवा मोर्चा1987-91; उपाध्यक्ष राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ लिमिटेड, नई दिल्ली, 2002-2004; निदेशक राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ लिमिटेड,नई दिल्ली-1992-2004 के दौरान; अध्यक्ष राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ लिमिटेड,जयपुर 1992-1995 के दौरान; अध्यक्ष, कोटा सहकारी उपभोक्ता थोक भंडार लिमिटेड, कोटा 1987-1995 के दौरान; अध्यक्ष, छात्र संघ सरकारी हायर सेकेण्डरी स्कूल, गुमानपुरा, कोटा 1978-79 के दौरान । राजनीतिक और सामाजिक आंदोलन: कोटा में आईआईटी की स्थापना के लिए जन आंदोलन चलाया । जिला बूंदी में चंबल नदी के पानी की आपूर्ति के लिए आंदोलन शुरू किया; परमाणु ऊर्जा संयंत्र रावत भाटा राजस्थान में स्थानीय लोगों को रोजगार प्रदान करने और क्षेत्र के विकास के लिए बडेे पैमानेे पर जन आंदोलन शुरू किया । उपलब्धियां: तेरहवीं राजस्थान विधान सभा में 500 से अधिक प्रश्न पूछे और सदन के वाद-विवाद में भाग लेने के लिए उसका नाम सदन के सितारे (स्वा ऑफ दी हाउस) की सूची में छ: बार शामिल किया गया । राजस्थान के बरन् जिले में सहारिया जनजाति क्षेत्र में कुपोषण उन्मूलन करने के लिए आंदोलन का नेतृत्व किया । गुजरात के भुज में 26 जनवरी, 2001 को आए भूकंप पीडितों की मदद के लिए 100 से अधिक स्वयंसेवकों के राहत दल, जिनमें डाक्टर भी शामिल थे, का नेतृत्व 10 दिनों तक कियाा और दिन रात काम करके भूकम्प पीडितों को खाना तथा दवाइयों का वितरण कर उनकी सहायता की । भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के रूप में युवाओं को संगठनात्मक विचारधारा से जोडकर उनमें राष्अ्रीय सेवा तथा समाज क्षेत्र का भाव पैदा करने के लिए उन्हें प्रेरित किया । नेशनल कॉपरेटिव कन्ज्यूमर फेडरेशन लिमिटेड नई दिल्ली के उपाध्यक्ष पद पर काम करते हुए पूरे देश मेें सुपर बाजार योजना को विकसित किया; राज्य में सभी पेंशनभोगियों को मुफ्त दवाइयों का वितरण करने की पहल का आरंभ किया; बंद पडे कोटा जिला सहकारी उपभोक्ता लिमिटेड को पुनर्जीवित कर नई कल्याण योजनाएं शुरू की; एकछत के नीचे सस्ता तथा गुणवत्ता वाला सामान उपलब्ध कराने के लिए उपहार केन्द्र योजना चलाई ताकि राज्य में सहकारी आंदोलन को और अधिक सशक्त बनाया जा सके ।
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